भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शिवराज का नाम तक नहीं लिया और रात को चुनाव के मैदान में सात सांसदों का नाम, विधानसभा उम्मीदवारों की लिस्ट में आ गया।
ऐसा पहली बार हो रहा है जब एमपी के विधानसभा चुनाव में 3 केंद्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसद मैदान में है। संकेत साफ है कि भाजपा ने पूरी ताकत एमपी में झोंक दी है। केंद्र के 3 मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते को विधानसभा की टिकट देकर सबको चौंका दिया है। 4 सांसद गणेश सिंह, उदयप्रताप सिंह, राकेश सिंह और रीति पाठक को भी मैदान में उतार दिया है।
सुबह जब मोदी ने कार्यकर्ता महाकुंभ में शिवराज और लाडली बहना के बारे में बोलने से परहेज किया तभी अंदाजा हो गया था कि मोदी के मन में कुछ पक रहा है।
शाम होते-होते उन्होंने अपने पत्ते खोल दिए कि अब एमपी के रण में शिवराज अकेला चेहरा नहीं होंगे। अलग-अलग रीजन में अलग-अलग चेहरों के दम पर भाजपा मैदान में उतरेगी।
ये मोदी की अपनी तरह की बिल्कुल नई स्ट्रेटेजी है।
केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को टिकट देकर भाजपा ने खेला प्रेशर गेम।
नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, फग्गनसिंह कुलस्ते, राकेश सिंह के लिस्ट में नाम भाजपा द्वारा भविष्य का नेतृत्व तलाशने जैसा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी इस सूची में नहीं होना एक संकेत है।
नंदा ब्राह्मणे को भीकनगांव से टिकट न सिर्फ खरगोन बल्कि खंडवा जिले की राजनीति को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि कांग्रेस छोड़कर छाया मोरे भी भाजपा में गई है।
फ्रेशनेस लाने के लिए विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को उतारना मतलब लोकसभा चुनाव में इनकी जगह नए चेहरों को मौका मिल सकता है ।