राकेश पुरोहित की रिपोर्ट
श्री ममलेश्वर मंदिर में रेलिंग नहीं हटाने और पंडितों को मंदिर परिसर में पूजा नहीं करने देने के विरोध में पंडितों पुजारियों पुरोहितो ने धरना दिया. पंडित अशोक दुबे ने बताया की 16 जून को पुरातत्व विभाग ने कोरोना के बाद सभी पुरातत्व मंदिरों को खोलने के आदेश जारी कर दिए थे .किंतु आदेश का पालन नहीं करते हुए अभी भी श्री ममलेश्वर मंदिर में रेलिंग लगी हुई है .जिससे गर्भ ग्रह में प्रवेश नहीं किया जा सकता .प्रवेश पर रोक लगी हुई है और पंडितों को ममलेश्वर मंदिर परिसर में बैठकर अपने यात्रियों की पूजा कराने पर भी रोक लगी हुई है .जिस पर पंडितों में और यहां के निवासियों में और श्रद्धालु भक्तों में काफी रोष है. इस संबंध में पुरातत्व विभाग से भी संपर्क किया गया .अनु विभागीय अधिकारी से भी संपर्क किया गया. किंतु कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है .ओंकारेश्वर मंदिर में नजदीक से दर्शन कराए जाना शुरू हो गए हैं .किन्तु ममलेश्वर मंदिर में अभी तक नजदीक से दर्शन करने की व्यवस्था नहीं की गई ..यदि पंडितों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, और मंदिर परिसर में बैठकर पंडितों को पूजा कराने नहीं दिया और रेलिंग नहीं हटाई तो ब्राह्मणों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा .प्रशासन की यह कठोर व्यवस्था के कारण यहां के ब्राह्मणों को भूखे मरने की नौबत आ गई है .क्योंकि पूजा अर्चना कराने पर रोक होने से उनकी आय पर प्रभाव पड़ा है और वह यात्रियों की पूजा अर्चना नहीं करवा पाते हैं .वैदिक पंडित परिषद के अध्यक्ष श्रीकांत जोशी ने बताया है कि वैदिक पंडित परिषद के द्वारा ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी को दिया गया है और उन्हें शीघ्र निर्णय लेने की निवेदन किया है. अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के मध्य प्रदेश पुजारी पुरोहित तीर्थ इकाई के अध्यक्ष पंडित जयप्रकाश पुरोहित ने कलेक्टर महोदय एवं अनुविभागीय अधिकारी महोदय एवं पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से मांग की है की पंडित पुजारियों और पुरोहितों के हितों की रक्षा के लिए शीघ्र निर्णय लें और पुजारी और पुरोहितों को पंडितों को मंदिर परिसर में पूजा करने की अनुमति प्रदान करें और रेलिंग को शीघ्र हटाए जिससे श्रद्धालु भक्त भगवान ममलेश्वर जी के दर्शन और पूजा अर्चना कर सके.