आर बी गुप्ता की रिपोर्ट –
न्यायालय के भवनों में कानून की देवी यूनानी देवी की जगह भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित करने की मांग उठने लगी है . कटनी जिले के कायस्थ समाज ने अपनी इस मांग के समर्थन में राष्ट्रपति के नाम लिखित ज्ञापन कलेक्टर प्रियंका मिश्रा को सौंपा. कटनी के निवृत्तमान महापौर शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि अंग्रेजों द्वारा स्थापित की गई यूनानी देवी की मूर्ति आज भी न्यायालय में स्थापित है जबकि देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो गए। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि भारतीय ग्रन्थों में भगवान चित्रगुप्त को न्याय के देवता के रूप में स्थान दिया गया है. इसलिए न्यायालय के भवनों में भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित की जावे ।
पौराणिक कथाओं के अनुसार न्याय की देवी की अवधारणा यूनानी देवी डिकी की कहानी पर आधारित है। कलात्मक दृष्टि से डिकी को हाथ में तराजू लिए दर्शाया जाता था। डिकी ज़्यूस की पुत्री थीं और मनुष्यों का न्याय करती थीं।कर्मों का लेखा-जोखा रखने की न्यायिक प्रणाली कई प्राचीन समाजों में भी दिखाई देती है। इनमें भारत भी शामिल है, जहां चित्रगुप्त पुण्य और पाप का लेखा-जोखा रखते हैं। तराजू इसी का प्रतीक है। इसलिए न्यायालयीन भवनों व न्यायालयीन पुस्तकों में कानून की यूनानी देवी की जगह भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन के दौरान संयोजक अजय कुमार निगम सहित समाज के सैकड़ों कायस्थ बंधु उपस्थित रहे।।