सरल स्वभाव और चेहरे पर सहज मुस्कान के साथ अपनी जिम्मेदारी के प्रति उतने ही गंभीर हैं श्री अनुराग राठी।

अच्छा काम करो और सबको खुश रखो के सिद्धांत पर चलने वाले अनुराग राठी अपनी मेहनत और स्वभाव के रियल सेक्टर में शहर सहित पूरे निमाड़ में एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं।

इनके जीवन के संघर्ष की कहानी , किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। अनुराग राठी के दादा कालूराम खुशीलाल जी की रामकृष्णगंज में कपास की फर्म थी। लेकिन इनके पिता मांगीलाल जी पेशे से कर सलाहकार का काम करते थे। 12 जून 1968 को मांगीलाल जी और श्रीमती सविता राठी के घर एक बालक ने जन्म लिया। नाम रखा अनुराग अर्थात प्रेम और भक्ति। प्राथमिक और माध्यमिक पढ़ाई के बाद इलेक्ट्रिक का डिप्लोमा लेने के लिए अनुराग 1988 में भोपाल चले गए। अनुराग ने डिप्लोमा के साथ भोपाल में मैनेजमेंट ऑफ फाइनेंस एवं हाउसिंग फाइनेंस में भी काम किया। पिता मांगीलाल जी चाहते थे कि उनका बेटा अनुराग नौकरी करे। अनुराग ने पिता की इच्छा अनुसार दिल्ली में नौकरी की। कुछ महीने यहां अपनी सेवाएं दी। लेकिन कुछ अलग करने की चाह उनके मन में सदैव कौंधती थी। दिल्ली से वापस लौट आए और रीयल सेक्टर में हाथ आजमाया। इन पर ईश्वर की ऐसी कृपा और अपने सरल, सहज, मिलनसार स्वभाव के कारण कामयाबी कदम चूमने लगी। 1997 में इटारसी में दो मकान बनाकर बेचे।

इसके बाद से शुरू होती है रीयल सेक्टर के सरताज बनने की रियल कहानी।अनुराग राठी ने भोपाल, इटारसी, होशंगाबाद मे कॉलोनियों की सौगात देने के बाद खंडवा में कॉलोनियां बसाई। खंडवा में कावेरी स्टेट, कावेरी कुंज, कावेरी विहार, कावेरी ग्रीन, हरिहरकुंज, प्रणाम सिटी, प्रभु प्रेमपुरम, रघुनाथपुरम, आनंद नगर एक्सटेंशन, पार्थ एवेन्यू, सहित कई कॉलोनियां उन्होंने विकसित की। इनकी बसाई कॉलोनियों के बाद ही शहर का दायरा बढ़ता गया। साथ ही शहर की अन्य कॉलोनियों में जैसे शुभ रेसीडेंसी, कुंज रेसीडेंसी में भूखण्डो पर भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ कर अपनी विशेष पहचान बनाई, साथ ही कई युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किये। श्री अनुराग का कहना है कि शहर जितना विकसित होगा, फैलेगा उतना ही यहां रोजगार भी बढ़ेगा। हम चाहते हैं कि निमाड़ के युवाओं को बाहर न जाना पड़े इसलिए हरसंभव कोशिश रहती है कि हम उन्हें यहीं रोजगार उपलब्ध करवाने के तमाम प्रयास करे। अनुराग कहते हैं कि उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार का हाथ है।

युवाओं को सीख 
हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आता है। जब तक उतार नहीं आएगा, चढ़ाव का मोल नहीं समझ पाओगे । उतार के वक्त में जिसने धैर्य से काम लिया, उसकी जीत सुनिश्चित है। मन लगाकर काम करो। कीमत नहीं खुशी मायने रखती है।

By MPNN

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