राकेश पुरोहित की रिपोर्ट –

ज्योतिर्लिंगों में से चतुर्थ ज्योतिर्लिंग भगवान् ओंकारेश्वर-ममलेश्वर फूलों से सजी पालकी में विराजे थे। डमरू, झांझ-मजीरे दर्जनों की संख्या में ढोल,ढोल की आवाज में एक अलग ही धार्मिक माहौल बना हुआ था। जिनकी धुन पर भोलेशंभू-भोलेनाथ के जयघोष लगाते श्रद्धालु झूम रहे थे। सोमवार को तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में कुछ ऐसा ही नजारा था। हर कोई महादेव की भक्ति में सराबोर था। मौका था सावन सोमवार की पांचवी पालकी यात्रा का।सोमवार शाम 4 बजे ओंकारेश्वर मंदिर से जब पालकी शोभायात्रा शुरू हुई तो संपूर्ण तिर्थनगरी महादेव की भक्ति में लीन हो गई। नर्मदा नदी के उत्तर तट पर कोटितीर्थ घाट एवं दक्षिण तट पर स्थित गौमुख घाट पर भगवान् ओंकारेश्वर एवं ममलेश्वर की पंचमुखी प्रतिमा का पंचामृत रुद्राभिषेक वैदिक ब्राह्मणों द्वारा किया गया।1 घंटे चले अभिषेक पूजन के बाद भोलेनाथ को पालकी में बैठाकर नर्मदा नदी में नौकाविहार कराया गया।

भम्रण को निकले ओंकारेश्वर-ममलेश्वर

सावन के पवित्र मास में तीर्थनगरी में कुछ ऐसा ही नजारा होता है। हर कोई भगवान शिव की भक्ति में खोया नजर आता है। भोलेशंभू-भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए भोलेनाथ के भक्त आगे-आगे चल रहे थे। जगह-जगह उनके स्वागत को श्रद्धालु आतुर खड़े थे।छोटे-छोटे बच्चे भी ब्राह्मण वेशभूषा में इस पालकी शोभायात्रा में कदम ताल कर रहे थे।

पुष्प वर्षा कर स्वागत

ओंकारेश्वर मंदिर में पालकी निकालने से पहले पूजन हुआ। फिर बाबा भोलेनाथ का नर्मदा तट पर अभिषेक किया गया। भोलेनाथ ॐकारेश्वर के रूप में पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। विभिन्न संगठनों ने जगह-जगह पालकी पर पुष्प वर्षा की। फल-मेवे का प्रसाद चढ़ाया। भक्तों का जोरदार स्वागत कर जलपान कराया। इस दौरान बाबा के जयकारे गूंजते रहे।

यहां से होकर निकली पालकी

ओंकारेश्वर भगवान् की पालकी यात्रा मंदिर परिसर से निकलकर कोटितीर्थ घाट पंहुची यहां से पूजन अभिषेक के बाद नौकाविहार करते हुए केवलराम घाट पर ओंकारेश्वर – ममलेश्वर दोनों सवारीयों का मिलन हुआ फिर यात्रा शुरू हुई जो विष्णु मंदिर पुराना मार्ग से जेपी चौक पंहुची यहां से ममलेश्वर भगवान् की पालकी पुनः मंदिर की ओर लौट गई तथा भगवान् ओंकारेश्वर जी की पालकी पुराने पुल से होते हुए बड चौक पंहुची यहा से मुख्य बाजार होते हुए रात्री 10 बजे ओंकारेश्वर मंदिर आकर पालकी यात्रा का विश्राम हुआ।

By MPNN

error: Content is protected !!