महाशिवरात्रि के अवसर पर उमरिया जिले से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर बसे अमोल आश्रम धाम में इस्तिथ अमलेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा . भक्तों ने कतार में लगकर भोलेनाथ के दर्शन किये । यहाँ शिवरात्रि के पूर्व भागवत महापुराण कथा का आयोजन भी किया गया. महाशिवरात्रि पर्व पर यहा विशाल मेला लगता है. कई संस्थाओं द्वारा भंडारे का आयोजन भी किया जाता है. इस अमोल आश्रम में कई ऐसे रहस्यमयी स्थान है. जिसे देखने जबलपुर ,डिंडोरी ,शहडोल ,मंडला सहित दूर दराज से लोग यहाँ आते है और भोलेनाथ के दर्शन करते है . अमलेश्वर धाम की कैलाश गुफा में पहाड़ के बीच एक चट्टान के नीचे भगवान भोलेनाथ माता पार्वती के साथ विराजमान है. जिनके दर्शन हेतु मुख्य द्वार से गुफा में प्रवेश कर गुफा के दूसरे द्वार से बाहर निकलते हैं. सिद्ध अमोल आश्रम का पौराणिक कथाओं में वर्णन है. यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण भी होती है. सिद्ध स्थान होने की वजह से यहाँ भक्तों का ताता लगा रहता है .साधु महात्मा भी यहां आते हैं

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