सतना जिला मुख्यालय से तकरीबन पैंतीस किलोमीटर दूर बिरसिंहपुर में भगवान भोलेनाथ का भव्य मंदिर है. जिसे गैवीनाथ नाम से जाना जाता है. यहां खंडित शिवलिंग की पूजा होती है. इसका वर्णन पदम् पुराण के पाताल खंड में मिलता है . जिसके अनुसार त्रेतायुग में यहां राजा वीर सिंह का राज हुआ करता था और तब बिरसिंहपुर का नाम देवपुर हुआ करता था. राजा वीर सिंह प्रतिदिन भगवान महाकाल को जल चढ़ाने घोड़े पर सवार होकर उज्जैन जाते थे. ऐसा माना जाता है कि लगभग 650 सालों तक यह सिलसिला चलता रहा. इस तरह राजा बूढ़े हो गए और उज्जैन जाने में परेशानी होने लगी. राजा वीर सिंह ने महाकाल से देवपुर में दर्शन देने की बात कही. एक दिन भगवान महाकाल ने राजा को स्वप्न में दर्शन दिया और देवपुर में दर्शन देने की बात कही

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