अनन्त माहेश्वरी की खास रिपोर्ट-
कोरोना संक्रमण रोकने के नाम पर मुक्तिधाम का रास्ता बेरीकेट लगाकर बंद किया । प्रशासन के निर्णय से सवाल उठने लगे है कि इस तरह जीवित लोगो को तो कोरोना से बचा लोगे। लेकिन जो मृत हो चुके है। वे अंतिम संस्कार के लिए कहाँ जाये।
हरफन मौला कलाकार किशोर कुमार की चार अगस्त को जन्म तिथि है . खंडवा के किशोर कुमार मुक्तिधाम के समीप किशोर स्मारक और किशोर कुमार की समाधि है . प्रतिवर्ष किशोर कुमार की जन्म तिथि और पुण्य तिथि पर हजारों की तादाद में किशोर कुमार के चाहने वाले यहाँ पहुंचते है, जो किशोर के तराने गुनगुनाते है . लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने किशोर स्मारक और किशोर कुमार की समाधि तक पहुंच मार्ग को बेरिकेट लगाकर बंद कर दिया . जिससे ना सिर्फ किशोर कुमार के चाहने वालो में नाराज़गी है , बल्कि आम नागरिक भी नाराज़ है . जिनकी नाराज़गी की मुख्य वजह मुक्तिधाम का रास्ता बंद करना अर्थात श्मशान घाट तक का पहुँच मार्ग बंद करना है . नगर में सिर्फ दो मुक्तिधाम है। जो नगर के दो विपरीत इलाकों में है । ऐसे में नागरिक सद्भावना मंच के प्रमोद जैन का कहना है की यह मानव अधिकारों का उल्लंघन है .
दरअसल चार अगस्त को हरफन मौला कलाकार किशोर कुमार की जन्म तिथि पर किशोर स्मारक और किशोर कुमार की समाधि पर जुटने वाली भीड़ को रोकने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने निर्णय लिया की सिर्फ वीआईपी को ही प्रवेश दिया जायेगा .उपायुक्त नगर निगम खण्डवादिनेश मिश्रा ने बताया कि इसी उद्देश्य से आम जनता को रोकने के लिए बेरिकेट लगाकर किशोर कुमार मुक्तिधाम के पहुँच मार्ग को बंद कर दिया .
प्रशासन चाहता तो सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए किशोर प्रेमियों की थर्मल स्कैनिंग कर समाधि स्थल तक प्रवेश दे सकता था। लेकिन बेरिकेट लगाकर मुक्तिधाम का प्रवेश मार्ग बन्द करना समझ से परे है।