अनंत माहेश्वरी की रिपोर्ट

उपचुनाव से पहले अधूरी व स्वीकृति के लिए लंबित पड़ी नहर एवं सिंचाई योजनाओं को लेकर किसानों ने विरोध जताया। गुरुवार को ट्रैक्टर रैली निकालकर किसानों ने प्रदर्शन किया। ‘नहर नहीं तो वोट नहीं’ का नारा देकर आगामी समय में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। ट्रैक्टर रैली गुरु गोविंद सिंह स्टेडियम से कलेक्टोरेट पहुंची, जहां मुख्यमंत्री के नाम मांगों को लेकर ज्ञापन दिया। इस दौरान शहर में भारी सुरक्षा बल के साथ जगह-जगह बेरिकेड्स लगाए गए।
खंडवा किसान संघर्ष समिति ने झिरन्या उद्वहन सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने तक आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके अंतर्गत परियोजना के प्रस्तावित गांव में राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रवेश प्रतिबंधित के साथ आक्रोशित किसानों ने खंडवा लोकसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय भी लिया है। डूल्हार फाटा से सैकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर इस रैली में शामिल हुए। स्टेडियम ग्राउंड पर एकत्र होकर जमकर नारेबाजी की। कलेक्टर कार्यालय परिसर में हजारों की संख्या में किसान बाहर बैठ गए।

कलेक्ट्रेट परिसर में हुई किसान सभा।

किसान सभा को संबोधित कर रहे पंकज सिंह पुरनी ने कहा नर्मदा घाटी विकास विभाग ने दो साल पहले परियोजना की डीपीआर तैयार कर ली है। लेकिन प्रशासकीय स्वीकृति और बजट के अभाव में योजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही है। इस परियोजना से क्षेत्र के 49 गांवों सहित पंधाना विधानसभा के 25 और खंडवा के 4 गांव लाभान्वित होंगे। 35 हजार 200 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1048.37 करोड़ रुपए हैं। लिफ्टिंग पाइंट दौड़वा के पास मुख्य नहर से पाइप लाइन की लंबाई 48.85 किलोमीटर है।
किसानों ने कहा कि सरकार पक्षपात कर रही है। इसके पहले खंडवा लोकसभा क्षेत्र की बिंजलवाड़ा और छैगांवमाखन की दो उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है और उनका कार्य भी शुरू हो चुका है। बिंजलवाड़ा परियोजना में झिरन्या के 135 में से 25 गांव सम्मिलित है, जबकि छैगांवमाखन में भी इससे लगे पंधाना व खंडवा के कई गांवों को शामिल नहीं किया गया है। परियोजना से प्रस्तावित सभी गांव में नारों की पट्टिकाएं लगाने के साथ ही रैली और विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

By MPNN

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