निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर डीएसपी की शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर DSP संतोष पटेल साइकिल पर अपनी दुल्हनिया लेकर आए । इतना ही नहीं उन्होंने संस्कृति और संस्कारों को ध्यान में रखते हुए हिन्दू परंपराओं की उन सभी मान्यताओं और रस्मों को भी इतनी सादगी से पूरा किया कि हर कोई उनकी तारीफ करते नहीं थक रहा है।इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है .
इस आधुनिकता के दौर में जब लोग अपनी परंपरा छोड़ शादी विवाह में पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण कर रहे हैं। इस दौर में एसडीओपी ने अपनी शादी में हिन्दू संस्कृति में हजारों वर्ष से चली आ रही वैवाहिक परंपराओं का पालन किया। इसके तहत उन्होंने सिर खजूर के पेड़ के पत्तों का मौर भारतीय परिधान में जहां दूल्हा सजा हुआ था तो दुल्हन ने भी ठेट भारतीय सीधे पल्ले की चुनरी पहन रखी थी । दूल्हा दुल्हन को लाने ले जाने में भी मोटर गाड़ी का नहीं पालकी का ही प्रयोग किया गया।
बुन्देलखण्ड केे पन्ना जिले मेंं जन्मे निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर एसडीओपी संतोष पटेल की शादी आधुनिकता और दिखावे से एकदम उलट थे। उन्होंने अपने विवाह समारोह में बुंदेली परंपराओं को जीवंत रखा. उनमें बुंदेली दूल्हे की झलक देखने को मिल रही थी।
पुरातन परंपरा के साथ सादगी भरे विवाह उत्सव में जब दूल्हा दुल्हन को हाथे लगाने के लिए सपरिवार ले गया .तो पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त वाहन साइकिल पर एसडीओपी साहब की दुल्हन उनके साथ सवार थी। आधुनिकता के बीच सादा तरीके से बुंदेली रीति-रिवाजों के बीच की गई यह शादी अब लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गई है। क्योंकि आमतौर पर बड़े अधिकारियों की शादियों में खूब तामझाम देखने को मिलता है, ऐसे में पुलिस अधिकारी की यह शादी लोगो को यह प्रेरणा देती है कि हिंदू संस्कृति और हजारों वर्ष पुरानी परंपरा के बीच में शादी को किस तरह कम खर्च में उत्सव की तरह किया जा सकता है।
मालूम हो कि निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में पदस्थ एसडीओपी संतोष पटेल जो मूल रूप से पन्ना जिले के अजयगढ़ के देव गांव के रहने वाले हैं, उनका विवाह 29 नवंबर को चंदला की गहरावन गांव में रोशनी के साथ हुआ है, ऐसे में वैवाहिक समारोह में निभाई गई पुरातन रीति अब लोगों के बीच चर्चा और हर्ष का विषय बना हुआ है, जिसे एसडीओपी ने अपनी फेसबुक के जरिए साझा किया ।