अनंत माहेश्वरी की रिपोर्ट –
फर्जी अनुज्ञा पत्र प्रकरण में हुई कार्यवाही को लेकर पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन ने तारांकित प्रश्न क्रमांक 617 के माध्यम से पूछा की क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि –
(क) फर्जी अनुज्ञा पत्र मामले में E.O.W. में चल रहे प्रकरण क्रमांक 23/15 एवं 18/18 में विभाग के कौन-कौन से अधिकारियों, फर्मों पर प्रकरण दर्ज है? नाम पदनाम फर्म नाम सहित देवें।
(ख) इस प्रकरण में विभाग ने E.O.W. को जो दस्तावेज उपलब्ध करा उनकी छायाप्रति देवें। इस प्रकरण में E.O.W. से हुए समस्त पत्राचार की छायाप्रति वर्षवार देवें।
(ग) प्रकरण दर्ज होने के विभाग ने आरोपी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की ?यह कार्यवाही कब तक की जाएगी? इस उत्तरदायी अधिकारियों की जवाबदेही तय कर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ? इसमें संलिप्त फर्मों पर कब कार्रवाई की जावेगी।
(घ) इस घोटाले से हुए नुकसान की राशि कब तक वसूली जाएगी ?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग में मंत्री से सदन में उत्तर देने की दिनांक 08/03/2022 पत्र में उल्लेखित है .
इस तरह हुआ था खुलासा-
वर्ष दो हजार चौदह में ग्वालियर के भांडेर जिले में फर्जी अनुज्ञा पत्रों का मामला सामने आने के बाद जांच में खंडवा मंडी का नाम भी सुर्खियों में आया था। मंडी बोर्ड के निर्देशों पर जांच के बाद खुलासा हुआ था कि खंडवा मंडी में भी फर्जी अनुज्ञा पत्रों के माध्यम से कुछ व्यापारियों ने मंडी को टैक्स में करोड़ों की चपत लगाई। इस गंभीर मामले में तत्कालीन सचिव प्रवीणा चौधरी की भूमिका शुरू से ही आशंकित कर देने वाली रही। 19 सितंबर 2014 को नकली पत्र लगाकर मंडी को करोड़ों की चपत लगाने वाली सात फर्मों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लिया था। मंडी निरीक्षक अनूप सिंह चौहान ने पुलिस को फर्मों द्वारा बनाए गए फर्जी आदेश अन्य दस्तावेज बताए थे। जिसके आधार पर पुलिस ने सातों फर्म के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। कोतवाली पुलिस ने बलराम ट्रेडर्स, मथुरालाल मूंगालाल ट्रेडर्स, आशीर्वाद कृपा ट्रेडर्स, निधि ट्रेडर्स, संतोष एग्रो, कृष्णा ट्रेडर्स एवं सोमी ट्रेडर्स के खिलाफ धारा 420 का प्रकरण दर्ज किया था ।लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई किस आधार पर हो, इसके दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके बाद मंडी प्रशासन के साथ ही पुलिस ने भी मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।
इन फर्मों के व्यापारियों पर दर्ज है प्रकरण
इसके बाद सभी सात फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। मूल दस्तावेज मिलने पर हुआ प्रकरण दर्ज: मंडी प्रशासन को इस मामले में व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में एक साल लगा। सभी सात फर्मों को टैक्स के रूप में 80 लाख रुपए चुकाना था। इसमें से तीन फर्म सोमी ट्रेडर्स, मथुरालाल मूंगालाल संतोष एग्रो द्वारा 13.50 लाख रुपए मंडी को टैक्स के रूप में चुका दिए गए थे। टैक्स की चोरी करने पर सभी सात फर्मों से 5 गुना राशि 4 करोड़ रुपए वसूले जाना है।
मंडी की लाइसेंसी फर्म मथुरालाल मूंगालाल, बलराज ट्रेडर्स, आशीर्वाद कृपा ट्रेडिंग, कृष्णा ट्रेडर्स, सोमी ट्रेडर्स, संतोष एग्रो,निधि ट्रेडर्स के व्यापारियों ने एक साल पहले मंडी अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से नकली आदेश बनाकर 40 करोड़ 44 लाख 8 हजार 269 रुपए का अनाज किसानों से लेकर उसे दतिया जिले के भांडेर से खरीदना बताया।
क्या है मामला-
कृषि उपज मंडी में किसान का माल खरीदते वक्त कोई टैक्स नहीं लगता है और जब वह माल व्यापारी बाहर बेचना चाहता है तो अनुज्ञा पत्र मंडी से लेना होता है। इसे मंडी शुल्क कहा जाता है। यह प्रति क्विंटल निर्धारित है। यही अनुज्ञा पत्र फर्जी बनाकर शासन को हानि पहुंचाई गई। अनुज्ञा पत्रों पर मोटरसाइकिल,स्कूटर,बस और टेंकर जैसे वाहनों के नम्बर अंकित किये गये थे. कृषि उपज मंडी में फर्जी अनुज्ञा पत्रों के जरिए टैक्स की चोरी वाले मामले में शहर के सात व्यापारियों के नाम सामने आए थे। इस मामले में सीधे तौर पर पूर्व सचिव प्रवीणा चौधरी की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े हुए थे .
जब उक्त मामला सुर्ख़ियों में था तब खंडवा कृषि उपज मण्डी में प्रवीणा चौधरी मण्डी सचिव पद पर पदस्थ थी .सहायक सचिव शर्मिला निनामा और अनुज्ञा पत्र शाखा प्रभारी अनिता बिसेन द्वारा बगैर सत्यापन के फर्जी अनुज्ञा पत्र जमा किये गये और व्यापारियों को मण्डी शुल्क की छुट दी गई थी. इतने बड़े घोटाले के सामने आने के बाद भी विभाग द्वारा इनके खिलाफ कोई कार्रवाई ना करते हुए शर्मिला निनामा को इनाम के तौर पर ए क्लास की खंडवा मंडी की प्रभारी बनाया गया है . अनिता बिसेन को भी पंधाना मंडी से खंडवा मंडी में पदस्थ करते हुए पुरानी जोड़ी को एक कर दिया . जबकि उस वक्त सहायक निरीक्षको की दो वेतन वृद्धि रोक दी गई थी. अब यह मामला फिर से उठने जा रहा है . देखना होगा की अब इस मामले से जुड़े व्यापारी और अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी .