अनन्त माहेश्वरी की रिपोर्ट

खंडवा जिले के शिव मंदिरो में स्थापित नंदी की मूर्ति के दूध पीने की अफवाह जंगल में आग की तरह तेजी से फैल गई। देखते ही देखते शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के शिव  मंदिरो में लोगों की भीड़ जमा हो गई।लोगों ने एक दूसरे को फोन करके इसकी सूचना दी।भगवान नंदी दूध पीने की अफवाह फैलने के साथ ही मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ पडी।

एक महिला ने ग्रामीणों को बताया कि शिव मंदिर में स्थापित नंदी जी की मूर्ति दूध पी रही है। यह खबर सुनते ही गांव के दर्जनों लोग कटोरी में दूध लेकर इकट्ठा हो गए। सबने बारी-बारी से चम्मच से भरा दूध मूर्ति के मुख के सामने लगाया, और दावा किया कि मूर्ति दूध पी रही है। यह अफवाह कुछ ही देर में काफी दूर तक फैल गई। स्थित शिव मंदिर पर भी दर्जनों लोग पहुंच गए, और वहां भी दूध पिलाने लगे। रामेश्वर शिव मंदिर और सहकारी बैंक परिसर स्थित शिव मंदिर में नंदी की मूर्ति को दूध पिला रहे लोगों से हकीकत पूछने पर उन्होंने बताया कि यह अफवाह नहीं सच्चाई है। हालांकि कुछ लोग इसको अफवाह मान रहे है। लोगों ने कहा कि ये आस्था का विषय है, कुछ लोगों को ऐसा लगा होगा कि नंदी दूध पी रहे हैं पर ऐसा है नहीं है।

ठीक इसी तरह की खबरें खंडवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से भी सामने आ रही है . इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से भी शिव मंदिर में नंदी की मूर्ति को दूध पिलाने की खबरें मिल रही है .  

सबसे पहले लगभग 1995 में सितंबर माह में गणेश चतुर्थी को यह अफवाह फैली थी कि गणेश भगवान की प्रतिमाएं दूध पी रही हैं, लेकिन कुछ लोग इसे चमतकार मान कर चल रहे है।जैसे ही गणेशजी के दूध पीने की खबरें फैली, वैज्ञानिकों ने तुरंत यह कहकर रिएक्ट किया कि यह नेचुरल साइंस है, लेकिन वो भी कारण नहीं बता पाये थे।

By MPNN

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