बच्चे को उसके माता पिता ने कुत्तों के साथ कमरे में बंद कर रखा था
महाराष्ट्र के पुणे में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया । जहाँ महाराष्ट्र पुलिस ने एक 11 साल के बच्चे को 22 आवारा कुत्तों के साथ अपार्टमेंट के कमरे में रखने के आरोप में एक दंपति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला पुणे के कोंढवा पुलिस स्टेशन में किशोर न्याय अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि स्थानीय लोग बच्चे की स्थिति से अवगत थे। इसके बाद पड़ोसियों ने एक एनजीओ- दानन देवी चाइल्ड हेल्पलाइन पर मदद मांगी। यहां से पुलिस को पूरे मामले की जानकारी हुई।
स्थानीय लोगों ने दी थी सूचना
चाइल्ड हेल्पलाइन से जुड़ी अनुराधा सहस्रबुद्धे के मुताबिक, ”हमें एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि कोंढवा के अपार्टमेंट में एक लड़के को बंद रखा जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बच्चे को अपार्टमेंट की खिड़की से देखा और वह मानसिक रूप से परेशान लग रहा था। सहस्रबुद्धे ने बताया कि एनजीओ के कार्यकर्ता जब उस अपार्टमेंट में पहुंचे तो बाहर से ताला लगा मिला लेकिन बच्चा और कुत्ता अंदर थे। इस अपार्टमेंट में कुत्तों के कंकाल भी मिले हैं। यहां तक कि कमरों के अंदर से कुत्तों के मल मूत्र की भी सफाई नहीं की गई। बच्चे को बेहद खराब हालत में रखा जा रहा था। एनजीओ के अधिकारियों का आरोप है कि उन्हें इस मामले में पुलिस का ज्यादा सहयोग नहीं मिला. कोंढवा थाने के वरिष्ठ निरीक्षक ने पुलिसकर्मियों को दरवाजा तोड़कर बच्चे को बाहर निकालने के निर्देश दिए थे, लेकिन पुलिसकर्मी ऐसा करने से बचते रहे।
पुलिस दर्ज नहीं करना चाहती थी मामला
सहस्रबुद्धे ने बताया- हमारे कार्यकर्ताओं ने बच्चे के माता-पिता से बात की और बार-बार पुलिस से उसे मुक्त कराने में मदद मांगी। हमने बच्चे को भी बचा लिया लेकिन पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करना चाहती थी। जब हमने मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को दी तो पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। अधिकारियों के मुताबिक, लड़के को दो साल से कुत्तों के पास रखा जा रहा था। इससे उनके मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। यह भी पता चला कि वह कुत्ते की तरह व्यवहार करने लगा था, जिसके कारण उसे स्कूल जाने से भी रोक दिया गया था। ऐसे में एनजीओ ने बच्चे के इलाज के साथ-साथ उसकी काउंसलिंग की भी मांग की है. एनजीओ के एक अधिकारी ने कहा कि बच्चे के पिता एक दुकान चलाते हैं और उसकी मां स्नातक है। उनका कहना है कि उन्हें कुत्तों से प्यार है, इसलिए वे इन जानवरों को अपने घर में रख रहे थे।
पुलिस के अनुसार आरोपी माता पिता के खिलाफ बाल न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम-2000 के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल किसी की
गिरफ्तारी नहीं हुई है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक इतने लंबे समय तक श्वानों के साथ रहने के कारण लड़के के तौर तरीके श्वानों जैसे हो गए हैं। उसे बच्चों के शेल्टर होम में भर्ती कराया गया। यह पता नहीं चला है कि मां बाप अपने बेटे के साथ ऐसा क्रूर बर्ताव क्यों कर रहे थे।