अनन्त माहेश्वरी की रिपोर्ट –
कांग्रेस ने प्रदेश के 16 नगर निगम में से 15 में महापौर पद के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भोपाल से विभा पटेल, इंदौर से संजय शुक्ला, जबलपुर से जगत बहादुर सिंह, ग्वालियर से शोभा सिकरवार को प्रत्याशी बनाया गया है। जबकि उज्जैन से महेश परमार, सागर से निधि जैन, रीवा से अजय मिश्रा, मुरैना से शारदा सोलंकी, सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा, कटनी से श्रेया खंडेलवाल, सिंगरौली से अरविंद सिंह चंदेल, बुरहानपुर से शहनाज अंसारी, छिंदवाड़ा से विक्रम अहाके, देवास से कविता रमेश व्यास, खंडवा से आशा मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। इस बार कांग्रेस ने 3 विधायकों को टिकट दी गई है। रतलाम में उम्मीदवार फाइनल नहीं हुआ है। यहां नाम को लेकर पेंच फंस गया है।
प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के बंगले पर गुरुवार को हुई बैठक में इन सभी नामों पर सहमति बन गई थी। जिसके बाद देर रात नामों का ऐलान कर दिया गया।
खंडवा में महापौर पद हेतु कांग्रेस ने श्रीमती आशा मिश्रा पर भरोसा जताया .
आशा मिश्रा विश्वकर्मा परिवार की बेटी होने के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र उर्फ बल्ली मिश्रा की बहू है। पति अमित मिश्रा रामेश्वर वार्ड से पार्षद रह चुके है।आशा मिश्रा के ससुर बल्ली मिश्रा याने वीरेंद्र मिश्रा ने अपना पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित कर दिया. बल्ली भैया सेवादाल अध्यक्ष रहे तथा 1993 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे। भाई प्रवीण विश्वकर्मा युवक कांग्रेस के अध्यक्ष है।
इन्होंने एनवक्त पर दावेदारी की। तब तक कांग्रेस कमेटी श्याम यादव व बलराम वर्मा की पत्नी के नाम पर मंथन कर चुकी थी। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की रायशुमारी में इनका नाम रखा गया तो संगठन ने एकमत होकर सहमति जता दी। खास वजह बल्ली मिश्रा का शहर के सभी समुदायों में वर्चस्व होना। यहीं कारण रहा कि कमलनाथ, अरुण यादव व दिग्विजय गुट ने खुले रूप से आशा मिश्रा समर्थन किया।
