अनंत माहेश्वरी की रिपोर्ट –
दो बड़ो के साथ दो मासूम की सांसें भी आफत में रही।
मध्यप्रदेश के खण्डवा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर पांच में लगी लिफ्ट में एक ही परिवार के चार सदस्य चार घण्टे से अधिक समय तक लिफ्ट में फंसे रहे। जिन्हें रेस्क्यू कर लिफ्ट से बाहर निकाला गया।
महाराष्ट्र के नासिक जिले से खण्डवा पहुंचे 45 वर्षीय एजाज कुरैशी अपनी पत्नी सना कुरैशी और दो छोटे बच्चों के साथ रेलवे की लिफ्ट से ग्राउण्ड फ्लोर तक जाने के लिए लिफ़्ट में सवार हुए कि ग्राउण्ड फ्लोर पर लिफ्ट का दरवाजा लॉक हो गया। जिसकी सूचना उन्होंने अपने परिजनों को दी। सूचना मिलते ही परिजन रेलवे स्टेशन पहुँचे ओर उन्होंने आरपीएफ की मदद मांगी। लेकिन दो घण्टे तक मशक्कत के बाद भी जब ग्राउण्ड फ्लोर में फंसी लिफ्ट का गेट नही खुला। तब लिफ्ट के पहले फ्लोर का गेट खोला गया। ताकि लिफ्ट में फंसे परिवार को ऑक्सीजन मिलती रहे।
उसके बाद तय हुआ कि लिफ्ट की छत को ऊपर से काटा जाकर परिवार को ऊपरी हिस्से से बाहर निकला जावे। जिसके लिए रस्से सहित तमाम उपकरण बुलवा लिए। लिफ्ट की छत को ऊपर से काटे जाने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। लेकिन लिफ्ट को कटर से काटने पर नीचे फंसे लोगों पर चिंगारी गिरती । इसलिए लिफ्ट को काटा जाना केंसिल कर रेलवे प्रशासन ने बुरहानपुर जिले से लिफ्ट मैकेनिक को बुलाया ।
लगभग साढ़े दस बजे खण्डवा पहुंचे लिफ्ट एक्सपर्ट ने पंद्रह मिनट में लिफ्ट को सुधारकर लिफ्ट में फंसे परिवार को सकुशल बाहर निकाला।बाहर आते ही एजाज कुरैशी ने मददगारों का शुक्रिया अदा किया। जिन्होंने बताया कि इस चार घण्टे के दौरान उनके परिवार को किस तरह के हालात से गुजरना पड़ा।
वहीं इस मामले में खण्डवा आरपीएफ थाना प्रभारी आर एल गुर्जर ने बताया कि लिफ्ट में फंसे परिवार को लिफ्ट के ऊपरी हिस्से से पानी, बिस्किट पहुंचाया गया। परिवार को बाहर निकालने के लिये एक्सपर्ट बुलाये गए। तब कहीं जाकर वह लिफ्ट से बाहर निकल सके।
गौरतलब है कि पिछले चार वर्षों के दौरान दसवी बार इस तरह की घटना हुई है। लेकिन इसके पहले इतनी देर तक पहली बार कोई परिवार लिफ्ट में फंसा रहा। ऐसे में खण्डवा रेलवे स्टेशन पर लिफ्ट आपरेटर ओर लिफ्ट एक्सपर्ट की अत्यंत आवश्यकता है। जिससे दोबारा इस तरह की घटना न हो।