प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से नर्मदा नदी उफ़ान पर है। खण्डवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर बांध के 18 गेट खोले जा चुके है। बांध के 18 गेट एवम आठो टरबाइन से 12900 क्यूमेक्स पानी प्रति सेकंड डिस्चार्ज किया जा रहा है।ओंकारेश्वर में 170 मीटर तक जल स्तर पहुंच चुका है। जो खतरे के निशान से मात्र दो मीटर दूर है।
ओम्कारेश्वर में नर्मदा नदी का जल स्तर बढ़ने से सभी प्रमुख घाट और घाट किनारे बने मंदिर डूब चुके है। कोटितीर्थ घाट, चक्रतीर्थ घाट,गौमुखघाट,ब्रह्मपुरी घाट,नागर घाट,अभय घाट,नर्मदा संगम एवम ओंकार घाट डूब चुके है।इन घाटो पर बने मंदिर भी डूब चुके है। खेड़ीघाट में जबरेश्वर मंदिर जल मग्न हो गया है।
प्रशासन ने नर्मदा नदी में नौका संचालन पर रोक लगाते हुए निचले इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया है।
ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर मेंटेन रखने के लिए 18 गेट खोले जाकर लगातार नर्मदा नदी में पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है । जिसके चलते बड़वाह के नावघाट खेड़ी स्थित नर्मदा के जल स्तर में वृद्धि हो रही है। जिसे देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। प्रशासन ने नर्मदा में नौकायन पर प्रतिबंध लगाते हुए नर्मदा में स्नान पर रोक लगा दी है। नर्मदा के बढ़ते जल स्तर को देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ नावघाट खेड़ी पर जुट रही है. बड़वाह में नर्मदा नदी के बढ़ते जलस्तर से नदी किनारे बना साईं मंदिर आधे से अधिक डूब चुका है। खतरे के निशान से कुछ ही मीटर नीचे नर्मदा नदी बह रही है।इंदौर खण्डवा मार्ग पर मोरटक्का में नर्मदा नदी खतरे के निशान के करीब जा पहुंची है ।
खरगोन जिले के एडिशनल एसपी जितेन्द्र पवार ने बताया की ओम्कारेश्वर बाँध कंट्रोल रूम से मिली सुचना के आधार पर 12900 क्यूमेक्स पानी प्रति सेकंड डिस्चार्ज किया जा रहा है। उसके परिपेक्ष्य में अलर्ट जारी कर दिया है . खंडवा जिले के मान्धाता थाना और खरगोन जिले के बडवाह थाने के द्वारा इसमें नाकाबंदी की गई है . मोरटक्का पुल से बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है । अत्यंत छोटे वाहनों को प्रवेश दिया गया है . भारी वाहनों को देशगांव से खरगोन होते हुए इंदौर की तरफ डायवर्ट किया है . और इंदौर एस पी से चर्चा अनुसार तेजाजी नगर से ए बी रोड़ की तरफ डायवर्ट किया गया है . अभी वर्तमान में बड़वाह 162.8 मीटर जल स्तर है . जैसे ही यह 163 मीटर के लेबल को क्रास करेगा . वैसे ही मोरटक्का पुल से सभी वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर देंगे . जो जल स्तर सामान्य होने के बाद ही खुल सकेगा .