बड़वाह से निर्मल दुबे की रिपोर्ट –
नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बहने के बाद मोरटक्का पुल से आवागमन बंद किया गया था .जिसके बाद एक्वाडक्ट पुल से हल्के वाहनों को गुजारा जा रहा था . वर्तमान में अभी भी बसों को एक्वाडक्ट पुल से ही निकाला जा रहा है . लेकिन अब एक्वाडक्ट पुल से भी आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया . उसका कारण है कि लगातार भारी यातायात निकलने पर सड़क की सीमेंट उखड़ने लगी है . सड़क के अंदर से सरिए तक बाहर आने लगे है . एहतियातन स्थानीय प्रशासन ने यह पुल बंद कर दिया है . जबकि मोरटक्का पुल से बाइक और हल्के चार पहिया वाहन अभी भी निकल रहे है . ऐसे में कोई भी यात्री बस मोरटक्का पुल और एक्वाडक्ट पुल से नही निकल सकेगी . ऐसे में यात्री बसों को खरगोन होते हुए निकलना पड़ेगा . जिससे एक सौ दस किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगेगा .
शुक्रवार दोपहर एनवीडीए के कार्यपालन यंत्री ललित वर्मा, एसडीएम बीएस कलेश, थाना प्रभारी प्रकाश वास्कले और जनपद सीईओ रोहित पचौरी ने मोरटक्का पुल का निरीक्षण किया . उन्होंने देखा कि सड़क के कुछ ज्वॉइंट्स के आसपास का सीमेंट उखड़ गया है. उसका सरिया दिखने लगा है. इस दौरान आपस में चर्चा के बाद सभी ने यह निर्णय लेकर एक्वाडक्ट पुल से वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी . उल्लेखनीय है कि एनवीडीए द्वारा पुल के निर्माण का उद्देश्य ओंकारेश्वर परियोजना की नहर को मोरटक्का से बड़वाह की तरफ लाना था . इसे भारी वाहनों या लगातार गुजरने वाले यातायात के लिए नहीं बनाया गया था . लेकिन मोरटक्का पुल बंद होने की स्थिति में विकल्प के रूप के साथ एक्वाडक्ट पुल से आवागमन शुरू किया गया था . अब इसे भी बंद कर दिया गया है . यदि फिर से मोरटक्का पुल बंद करने की नौबत आती है,तो इंदौर से खंडवा का सड़क से संपर्क टूट जाएगा . जबकि भारी वाहन तो इस मार्ग पर बीते 10 दिन से भी अधिक समय से बंद है.