अनन्त माहेश्वरी की रिपोर्ट –
इंद्रजाल के नाम से जाने जानी वाली समुद्री वनस्पति का उपयोग तंत्र क्रिया, वास्तु दोष निवारण, धन प्राप्ति एवं यौवन प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। इसलिए इसकी डिमांड बनी रहती है .
दिल्ली से आये वाइल्ड लाइफ एनजीओ के सदस्यों की सूचना पर वन विभाग के अमले ने मध्यप्रदेश के खण्डवा नगर की दो दुकानों से प्रतिबंधित समुद्री वनस्पति ( सिफेन ), लाल चन्दन सहित हाथी दांत का चुरा भी बरामद किया . मंगलवार शाम जब वन विभाग की टीम खण्डवा शहर के बुधवारा बाजार में जांच करने पहुंची तो बाजार में हड़कंप मच गया. लोग तरह तरह के अनुमान लगाते रहे. वन विभाग के अमले ने जड़ी-बूटियों के लिए शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी नत्थू पंसारी और श्री पंसारी की दुकान व गोदाम पर रात ग्यारह बजे तक जांच की. जांच पश्चात दोनों दुकानों से प्रतिबंधित सामग्री जब्त की। नत्थू पंसारी की दुकान से सीवान (समुद्री वनस्पति),लाल चंदन,हाथी दांत का चूरा, एवं बीस किलो गंधक (ज्वलनशील पदार्थ) जब्त किया। वन अफसरों ने दोनों दुकान व गोदाम को सील किया और नत्थू पंसारी दुकान के संचालक नितिन एवं उसके पिता बालगोविंद तथा श्री पंसारी दुकान के संचालक गौरव एवम उसके पिता अजय अग्रवाल को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गए।
बुधवारा बाजार में जड़ी-बूटियां बेचने वाले नत्थू पंसारी व श्री पंसारी नामक दुकान में मंगलवार शाम दिल्ली से आये वाइल्ड लाइफ एनजीओ के सदस्यों के साथ वन विभाग के डीएफओ देवांशु शेखर ,एसडीओ अनुराग तिवारी, रेंजर नितिन राजौरिया व वनकर्मी मयंक चौबे दल-बल के साथ पहुंचे और रात ग्यारह बजे तक जांच की। छानबीन के दौरान दुकानों से प्रतिबंधित समुद्री वनस्पति, जंगली जानवरों से जुड़े दांत-नाखून, लाल चंदन व गंधक सहित अन्य सामग्री बड़ी मात्रा में जब्त की गई है। नत्थू पंसारी नामक दुकान संचालक ने बड़ी नर्सरी भी लगा रखी है। जहां वह जड़ी-बूटियों के लिए पौधों को लगाते है। जो इंदौर समेत अन्य प्रदेशों में भी माल की सप्लाई करते है। इनके पास मिली समुद्री वनस्पति, लाल चंदन एवं हाथी दांत का चूरा कहां से आए. ये प्रतिबंधित सामान उन्होंने किससे खरीदा? इसके बारे में पूछताछ की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ज्वलनशील पदार्थ होने की वजह से गंधक को दुकान में रखना प्रतिबंधित है। नत्थू पंसारी की दुकान में रखा बीस किलो गंधक दुकान ही नहीं आसपास के इलाके को जलाने के लिए काफी था।