अनंत माहेश्वरी की रिपोर्ट
राजा हर्षवर्धन की नगरी हरसुद में हिन्दू महासभा ने कमाल दिखाते हुए चुनावी मैदान में अपना खाता खोल दिया है। यहां हिन्दू महासभा से तीन प्रत्याशियों ने विजय हासिल की और छह वार्डों में सत्तारूढ़ दल भाजपा को पछाड़ती हुई दूसरे स्थान पर रही। हिन्दू महासभा से द्वारका प्रसाद प्रजापति, सपना दिनेश यादव और अनिल बौरासी ने जीत हासिल की। हरसुद में हिन्दू महासभा का उदय जिले की राजनीति में भूचाल की तरह है। इससे सत्तारूढ़ दल भाजपा को सबक लेने की आवश्यकता है।
हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव जीतकर देश और प्रदेश में राज कर रही भाजपा ने हरसूद में दरी उठाने वाले जमीनी कार्यकर्ताओ को दरकिनार करते हुए मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला और अपनी रीति नीति के खिलाफ जाकर एक ही परिवार में दो सदस्यों को टिकट दे दिया। यहां आखिरी समय तक जमीनी कार्यकर्ताओ को आश्वस्त किया जाता रहा कि उनका टिकट फाइनल है। टिकट उन्हीं को मिलेगा। लेकिन एन वक्त पर उनके नाम काट दिए गए।ऐसे ग्यारह भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिन्दू महासभा का दामन थामते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे जी एस टाले और नीलेश कौशल ने अपने राजनीतिक अनुभव का लाभ उठाते हुए चुनावी बिसात जमाई। यहां हिन्दू महासभा ने विशाल रैलियां की। चुनावी सभा ली।
हिन्दू महासभा को मिल रहे जन समर्थन ने भाजपा के बैनर तले चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उनके आका को चिंता में डाल दिया।आनन फानन में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी डी शर्मा को तारणहार के रूप में हरसुद बुलाया गया। जिन्होंने चुनाव लड़ रहे कार्यकर्ताओ को आश्वस्त करते हुए संगठन में दम फूंकने की कोशिश की। जो नाकाम साबित हुई। यहां से भाजपा के सिर्फ दो प्रत्याशी ही अपनी इज्जत बचा पाये । भाजपा से फरीद खान चुनाव जीते तो उनकी माता चुनाव हार गई। भाजपा से फरीद खान, जितेंद्र सिंह और गजानंद मांगीलाल ने जीत हासिल की।