अनन्त माहेश्वरी की रिपोर्ट –
पांच माह पहले घर से परेशान एक युवक मस्जिद के आलिम के संपर्क में आया। आलिम ने उसे बताया कि इस्लाम मे आ जाओ। नमाज़ पढ़ने लग जाओ। दिल को सुकून मिलेगा। तुम्हारी सारी परेशानी दूर हो जायेगी। आलिम ने ऐसी तालीम दी कि पढा लिखा युवक भी अपने धर्म से भटक गया। उसने कलमा पढा और इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। नमाज़ पढ़ने लगा।आलिम ने उसे बताया कि इस्लाम ही एक मात्र धर्म है। इसके अलावा कोई धर्म नही है। जो इसे नही मानते वह जहन्नुम में जाते है।आलिम ने युवक को जहन्नुम का डर दिखाया। लालच भी दिया कि इस्लाम को मानोगे तो जन्नत में जाओगे, वहां तुम्हे सब कुछ मिलेगा।इस तरह एक सिविल इंजीनियर की पढ़ाई करने वाला युवक अक्षय गौर मुस्लिम फ़हीम खान बन गया।
अक्षय गौर के फहीम खान बनने की कहानी मध्यप्रदेश के खण्डवा शहर की है। हिन्दू से मुसलमान बना युवक, पांच माह तक इस्लाम को मानता रहा। सोशल मीडिया के जरिये अपने रिश्तेदारों को इस्लाम की अच्छाइयां समझाता रहा। उसने फेसबुक पर अपना नाम बदलकर फ़हीम खान करने की घोषणा भी की।जब युवक ने सोशल मीडिया पर अपना नाम बदले जाने का स्टेटस डाला। तब हिन्दू संगठन सक्रिय हुए। युवक को समझाईश देकर हिन्दू धर्म में वापसी करवाई और आलिम के खिलाफ पुलिस में शिकायती आवेदन दिया।
नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय और मोघट थाने ने नूरानी मस्जिद के आलिम के खिलाफ शिकायती आवेदन देने पहुंचे युवक ने बताया कि उसका नाम अक्षय पिता गोविन्द्र सिंह गौर है। जिसके पिता एक निजी स्कूल में टीचर है। वह खण्डवा की प्रभु प्रेमपुरम कालोनी का निवासी है।उसने सिविल इंजीनियर की पढ़ाई की है। वह काफी समय से बेरोजगार है। बेरोजगारी के चलते वह एक दिन शहर के नागचुन पार्क में एकांत बैठा हुआ था, वहां नूरानी मस्जिद का आलिम मेरे पास आकर बैठ गया। मेरी परेशानी पूछने लगा ।फिर उसने इस्लाम धर्म की बाते करना चालू की। मुझे इस्लाम धर्म से प्रभावित करने लगा। उसने नौकरी-पेशे की दिलासा देकर उसे मस्जिद में बुलाया। लगातार दो माह तक वह मस्जिद में आलिम के पास जाता रहा। जहाँ आलीमा पढ़वाई जाती तो हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काया जाता था। आलिम ने कहा कि हिंदू धर्म में अनेक भगवानों की पूजा होती है। जो कोई काम की नहीं है। यह मूर्खो का धर्म है। तुम नमाज पढ़ा करो, इसमें एक ही ईश्वर की पूजा होती है। जन्नत प्राप्त होती है। उसने डराया की इस्लाम को नहीं मानोगे तो जहन्नुम में जाओगे। ख़ुदा कभी माफ नहीं करेगा।तब उसके कहे अनुसार मैंने मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ना चालू कर दिया। उसके बाद वह कहने लगा कि तुम्हारे घरवाले एवं दोस्तों का भी इस्लाम कबूल करवाना। उसने बताया कि हमने शहर में कई लोगों को इस्लाम से प्रेरित कर इस्लाम कबुल करवा लिया है। तुम्हे भी अपना नाम बदलकर कलमा पढ़ना पढ़ेगा। गुरु से कलमा पढ़वाया गया। मुझे मो. फहीम खान नाम दिया।
करीब चार महीने पूर्व एक दिन उसने अचानक सोशल मीडिया पर अपना नाम अक्षय राजपूत से फहीम खान अपडेट किया, तो यह बात हिंदू संगठनों तक पहुंच गई। अक्षय के दोस्तों ने उसे काफी समझाया, उसने धर्मांतरण से इनकार किया तब हिंदू संगठन उसे महादेवगढ़ लेकर गए। जहां तीन दिनों तक समझाया , फिर गंगाजल से उसकी शुद्धि करवाई। इस तरह एक युवक की पुनः अपने मूल धर्म मे वापसी हुई।
जिसके बाद युवक अक्षय ने मस्जिद के आलिम के विरुद्ध धर्मांतरण के लिए प्रेरित किए जाने एवम हिन्दू धर्म को भला बुरा कहे जाने की लिखित शिकायत नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय एकम थाना मोघट रोड में की। महादेव गढ़ संरक्षक अशोक पालीवाल ने सीएसपी पूनमचंद यादव से मुलाकात कर कार्रवाई किए जाने की मांग की।
वहीं इस मामले में खण्डवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि युवक अक्षय का शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले की जांच करवाई जाकर नूरानी मस्जिद के आलिम अमीनुद्दीन कादरी के खिलाफ धर्म परिवर्तन करवाने के मामले में खण्डवा के मोघट थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। जिसमे धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम एवम धार्मिक भावनाए आहत करने वाली धाराओं में देर रात मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपी आलिम अमीनुद्दीन कादरी फरार है। जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है।