मध्य प्रदेश के गुना जिले कि मक्सूदनगढ़ तहसील क्षेत्र से अजीबोगरीब मामला सामने आया . मक्सूदनगढ़ के उदयपुर गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि हमारा गांव चोरी हो गया है, हमारा गांव शासन के लेखा-जोखा में नहीं है. जबकि हमारा गांव तो रिकॉर्ड में ही नहीं ,दरअसल पूरा मामला यह है कि उदयपुर गांव पहले तोरई ग्राम पंचायत में था, पर जैसे ही मक्सूदनगढ़ नगर परिषद हुई, तो तोरई ग्राम पंचायत मक्सूदनगढ़ नगर परिषद में जुड़ गई, पर उदयपुर गांव को मक्सूदनगढ़ नगर परिषद से नहीं जोड़ा गया, यही कारण है कि, उदयपुर गांव में रहने वाले लोगों का ना तो कोई सरकारी काम हो पा रहा हैं, और ना ही शासन से मिलने वाली योजनाओं का उदयपुर गांव में रहने वाले लोगों को, फायदा मिलता दिखाई दे रहा है, हैरानी की बात तो यह है कि गांव के छोटे-छोटे बच्चों के स्कूल में एडमिशन तक नहीं हो पा रहे हैं, और गांव के लोग पिछले 1 साल से परेशान हो रहे हैं. इसीलिए उदयपुर गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि हमारा गांव चोरी हो गया . हमारा गांव शासन के लेखा-जोखा में नहीं है . हमारा गांव रिकॉर्ड में नहीं बचा है .ऐसा उदयपुर गांव में रहने वाले लोगों का दर्द कह रहा है . उदयपुर गांव के शिक्षक ने बताया कि उदयपुर गांव के बच्चों का शिक्षा पोर्टल पर नाम भी दर्ज नहीं हो पा रहा है और उनका नाम समग्र आईडी में भी नहीं जोड़ पा रहा है .अब देखना यह होगा कि मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद उदयपुर गांव की कब तक सुनवाई हो पाती है, या उदयपुर गांव में रहने वाले लोग, यूं ही परेशान होते रहेंगे.
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संपादक -अनंत माहेश्वरी