अनन्त माहेश्वरी कि रिपोर्ट –

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में प्रदेश की पहली पंप स्टोरेज पावर परियोजना हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है . इस परियोजना से 525 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा सकेगा. 4200 करोड़ रुपए लागत की यह परियोजना वर्ष 2030 तक कार्य करने लगेगी . दिन में सोलर से पैदा होने वाली सरप्लस बिजली से संचालित पंप स्टोरेज पावर परियोजना हेतु भोपाल रोड पर बांध से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। नदी से पानी 45 मीटर गहरी और 24 मीटर चौड़ी नहर से बांध के पिछले हिस्से तक पानी को लाया जाएगा। एनएचडीसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक वीके सिन्हा के अनुसार जिस समय बिजली की मांग कम रहेगी तब ही सरप्लस सोलर पावर का उपयोग करके बिजली के पीक आवर्स के छह घंटे के लिए 25 एमसीएम पानी पंपिंग किया जाकर पानी को बाँध में स्टोरेज  किया जाएगा।  एक्सेस सोलर एनर्जी का उपयोग करके बांध से डिस्चार्ज हो चुके पानी को पुनः पम्पिंग करके बांध में भरा जाकर पीक आवर में उसी पानी से बिजली बनाई जाने की योजना मध्य प्रदेश के खण्डवा मे आकार लेगी। जो सुबह-शाम पीक आवर्स में बिजली की अतिरिक्त मांग को पूरा करने में कारगर साबित होगी। सोलर पावर की बिजली 3.25 रुपए प्रति यूनिट रहती है। मांग बढ़ने पर शाम के समय बिजली 8 से 9 रुपए यूनिट तक बिकती है।

दरअसल ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट आकार ले रहा है .ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी. पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है. परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है. इस परियोजना में नर्मदा नदी के बैक वाटर पर करीब 2 हजार हेक्टेयर में  सोलर पैनल्स लगेंगे जिनसे हर साल करीब 1200 मिलियन यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा.इसके साथ ही जिले में छिरवेल और अमलपुरा के पास भी सोलर पावर प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे हैं। देशभर में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं. जिनसे उत्पादित अतिरिक्त बिजली का उपयोग पंप स्टोरेज पावर परियोजना में किया जाएगा .

नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचडीसी) द्वारा प्रस्तावित 525 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली पंप स्टोरेज पावर परियोजना को प्रदेश सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है। केंद्र सरकार से अनुमति के बाद इसका निर्माण शुरू हो जाएगा।एनएचडीसी लिमिटेड के प्रबंध निर्देशक वीके सिन्हा ने बताया कि खंडवा जिले के नर्मदानगर में इंदिरा सागर बांध के पास 525 मेगावाट पंप स्टोरेज परियोजना का निर्माण एनएचडीसी करेगा। इसके लिए इंदिरा सागर परियोजना के मौजूदा जलाशयों इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर के बैकवाटर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस पंप स्टोरेज परियोजना की मदद से बनेनी वाली बिजली राज्य की जरूरतों को पूरा करेगी। पंप स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट के लिए प्रारंभिक सर्वे चुका है। इसके लिए प्रदेश सरकार की अनुमति भी मिल चुकी है। अब एक साल में डीपीआर बनाई जाएगी। इसके बाद पर्यावरण स सहित अन्य विभागीय अनुमति एक साल में मिल जाएगी। तय समय पर काम शुरू होने से पांच साल में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।

सोलर पावर एनर्जी से ग्रिड का संतुलन बना रहे इसके लिए पंप स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहे हैं। इससे पहले देश में इस तरह का पंप स्टोरोज पावर प्लांट पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में है। इसी तरह देश के अन्य जलविद्युत परियोजनाओं में भी इसे लगाने की तैयारी की जा रही है।4200 करोड़ की लागत का यह स्टेशन कूलर के पम्प की तरह कार्य करते हुए निचली सतह के पानी को बांध के ऊपरी हिस्से में पहुंचाएगा। जिससे वही पानी पुनः बिजली उत्पादन में काम आएगा।डैम के बैकवाटर और इंदिरा सागर जल विद्युत परियोजना के टरबाइन से निकलने वाले पानी को एक जगह इकट्ठा किया जाएगा। ओंकारेश्वर डैम के बैकवाटर से पानी लाने के लिए एक नहरनुमा चैनल बनेगा, जो 45 मीटर गहरा, 22 मीटर चौड़ा और करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा होगा। दोनों जलाशयों के पानी से बिजली बनाने के लिए करीब 84 हेक्टेयर वन भूमि अधिग्रहित की जाएगी।

By MPNN

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