एन के मीणा की रिपोर्ट –
मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाली तनिष्का ने महज 15 वर्ष की उम्र में बीए की डिग्री हासिल कर प्रथम स्थान हासिल किया है .बेटी तनिष्का मुख्य न्यायाधीश बनना चाहती हैं .इसके लिए वह आने वाले समय में अमेरिका और बेल्जियम की बड़ी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेकर एडवोकेट की डिग्री हासिल कर मुख्य न्यायाधीश बनने का सपना है.
जहा चाह वहां राह है . इन चार शब्दों को चरितार्थ कर दिखाया है इंदौर की बेटी तनिष्का ने . तनिष्का के पिता का निधन 2020 में कोरोना काल के दौरान बीमारी के चलते हो गया था . उसके बाद तनिष्का की माताजी ने खुद को संभाला और तनिष्का को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन करने लगी. जिसके बाद आज तनिष्का ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में बीए की डिग्री में 74.20 हासिल कर पूरी क्लास में प्रथम स्थान हासिल किया है. तनिष्का का कहना है कि वह अपने पिताजी के सपनों को पूरा करना चाहती हैं ,और सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनना चाहती हैं .अब जबकि उनकी ग्रेजुएशन की डिग्री उनके पास आ गई है. तो अब वह वकालत की पढ़ाई शुरू कर सकती हैं .जिसके लिए अमेरिका और बेल्जियम जैसे बड़े देशों की बड़ी यूनिवर्सिटी में एडमिशन को लेकर प्रयास कर रही है, जिसे कुछ यूनिवर्सिटी से एडमिशन को लेकर ऑफर भी मिले हैं, आने वाले समय में वह उन्हें चिन्हित कर बेहतर यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई करने जावेगी . इसके साथ उन्होंने कहा कि 2020 में जब उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की और कॉलेज में एडमिशन लेना चाहा तो उन्हें एडमिशन नहीं मिल रहा था. उस समय इंदौर के सांसद शंकर लालवानी द्वारा उनकी काफी मदद की, और फिर उन्हें कॉलेज में एडमिशन मिला . उसके बाद 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. जिन्होंने उन्हें काफी मोटिवेट किया और इस 15 मिनट की मुलाकात मैं उन्होंने कई बाते की . साथ ही इस तरह की पढ़ाई करती हैं उसके बारे में भी उन्होंने बताया. तनिष्का ने अपने पिता का सपना पूरा करने की बात कही है. तो वहीं दूसरी और 3 साल की b.a. की पढ़ाई के दौरान उन्होंने बताया कि जब वह बड़े बच्चों के साथ बैठती थी तो शुरू में दिनों में तो उन्हें काफी अजीब सा लगता था . लेकिन बड़े बच्चे उनके साथ दोस्ती करने के बाद सभी मिलजुल कर पढ़ाई की और काफी अच्छा समय बीता.