गुना जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत एक किराना व्यवसाई की निर्मम हत्या का मामला सामने आया है।
व्यक्ति को 12 जुलाई की रात बेहोश करके रिश्ते में उसी के मामा का लड़का जो MR था। उसने मौत के घाट उतार दिया। मृतक के शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े किए। और बैग में भरकर जंगल मे फेंक दिए।
हत्या के पीछे की वजह भी निकलकर सामने आई। जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। कि चंद कागज के टुकड़ों के पीछे न सिर्फ रिश्ते में आपसी भाई भाई के रिश्ते शर्मसार हुए बल्कि आपसी लेनदेन के चलते महज 60 हजार रूपये की बजह से उतार दिया मौत के घाट। हत्या इतनी निर्मम की पुलिस भी देख कर दंग रह गई। शख्स को दी ऐसी मौत, कि सुनकर अच्छे अच्छों की रूह कांप जाए।

पुलिस के अनुसार गुना का गंगा कॉलोनी जहाँ से 12 जुलाई को किराना व्यवसाई विवेक शर्मा अचानक गुम हो गया था। परिवार के लोगों ने गुना के कोतवाली थाने में व्यक्ति के गुम हो जाने की शिकायत दर्ज कराई। अगले दिन उसकी बाइक गुना के सिंघवासा तालाब के पास मिली।
इधर परिवार के लोग छानबीन करने में जुटे थे।उधर पुलिस मामले में छानबीन में जुटी थी लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था। हालांकि घटना के बाद से मामा का लड़का मोहित शर्मा फरार था। परिजनों ने भी शंका जाहिर की थी। इसी शंका के आधार पर ही पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही थी। लेकिन मोहित गुना छोड़कर बाहर जा चुका था। 13 जुलाई की रात्रि 2:30 बजे मोहित को शिवपुरी से पुलिस ने हिरासत में ले लिया।पुलिस ने उससे पूछताछ की।
लेकिन पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने कुछ भी ऐसा नहीं बताया जिससे हत्या का खुलासा हो सके। मोहित पैसे से MR था। पुलिस को इधर उधर की बातें करके गुमराह करता रहा। लेकिन जब पुलिस को डेड बॉडी मिली और परिवार के लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि विवेक अपने मामा के लड़के मोहित के पास पैसे लेने के लिए निकला था। इससे पुलिस को क्लू मिल गया कि कहीं मोहित ने ही तो मर्डर नहीं किया। पुलिस ने तत्परता से पूछताछ की तो पुलिस के सामने मोहित की चुप्पी टूट गई। फिर उसने वह सच बताया जिसे सुनकर न सिर्फ रिश्ते तार-तार हो जाते हैं बल्कि आखिर मामा का लड़का यानि भाई ही अपने बुआ का लड़का यानि भाई का जानी दुश्मन बन गया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 12 जुलाई की रात में मोहित ने फोन लगाकर विवेक को यह कहकर बुलाया कि आ जाओ आपका हिसाब कर देते हैं। और विवेक के आ जाने के बाद रात्रि में 11:00 बजे के बाद उसने पहले विवेक को बेहोश किया। इसके बाद तीन अलग-अलग हिस्सों में शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े किए। और उन्हें बैगों में भरकर बाहर जंगल में फेंक दिया। घर खून से सना हुआ पड़ा था। आरोपी सबूत छुपाने में जुटा था। अचानक स्कूल से भांजी आ गई। लेकिन आरोपी ने उसे यह कहकर समझा दिया कि उनके बॉस आए हैं और गंभीर हालत में हैं उनकी तबीयत ठीक नहीं है। उनकी ड्रेसिंग करना है। आप पीछे चले जाओ। खाना खाओ।
हत्या के बाद पूरे परिवार को आरोपी गुमराह करता रहा। और तो और मोहित मृतक विवेक के घर भी गया। परिवार के सामने स्थिति को भाँपने की कोशिश की। और फिर वहां से लौटने के बाद रात में घर पर कटे रखे टुकड़ों को तीनों बेगों में भरकर ऑटो में रखकर गादेर घाटी के पास पहले से खुदे गड्ढों में फेंक दिया। और ऊपर से मिट्टी पटक कर दबा दिया। आरोपी को लगा कि वह अब पुलिस को चकमा दे देगा। और पुलिस को कुछ भी पता नहीं चलेगा। लेकिन पुलिस के द्वारा परिवार के लोगों से पूछने पर पुलिस ने इस गुत्थी को भी सुलझा लिया। लेकिन पुलिस खुद हैरान है कि महज इतने से पैसों की वजह से इतना बड़ा संगीन जुर्म कैसे कर दिया गया। यह अभी भी सवालिया निशान है और हर व्यक्ति के जेहन में यह सवाल गूंज रहा है। फिलहाल मृतक के परिवार में शोक व्याप्त है। परिवार को आशा थी कि विवेक जिंदा लौट कर घर वापस आएगा। लेकिन मिले तो उसके शरीर के टुकड़े टुकड़े। जिसने देखा आंखें नम हो गई। आखिर चंद कागज़ के टुकड़े न मृतक के काम आ सके और ना ही घटना को अंजाम देने वाले आरोपी के काम। एक नई दुनिया छोड़ दी तो दूसरे की जिंदगी सलाखों के पीछे। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह घटना गुना की है। पैसे का जुनून सवार होना चाहिए लेकिन इतना भी नहीं कि लोग इंसानियत को भूल जाएं रिश्तो को भूल जाएं। आखिर पैसों की इतनी अहमियत किस मतलब की।

By MPNN

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