मध्य प्रदेश स्टेट बार कौंसिल ने दो फर्जी वकीलों को पकड़ा , जो फर्जी डिग्री लगाकर वकालत कर रहे थे । जबलपुर जिले के मझौली अदालत से कुछ वकीलों ने शिकायत की अभिषेक राय नाम का वकील फर्जी डिग्री के आधार पर वकालत कर रहा है। स्टेट बार काउंसिल ने जब इसकी जांच पड़ताल की तो पता चला की अभिषेक राय ने आसाम से एलएलबी की डिग्री हासिल की है। स्टेट बार काउंसिल ने आसाम यूनिवर्सिटी से इसकी जांच पड़ताल की ।यूनिवर्सिटी से प्राप्त पत्र में लिखा गया की अभिषेक राय नाम के किसी भी शख्स ने उनकी यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल नहीं की । यानी कि उसके पास एलएलबी की फर्जी डिग्री है। इसी तरह इंदौर से भी अमित सिंह नाम की एक वकील की शिकायत आई कि उसकी 12वीं की मार्कशीट फर्जी है। इस शिकायत पर जब माध्यमिक शिक्षा मंडल से इसकी जानकारी निकाली गई तो पता चला कि अमित सिंह की 12वीं की फर्जी मार्कशीट है। इन दोनों ही वकीलों को स्टेट बार काउंसिल ने नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है। स्टेट बर काउंसिल के सदस्य का कहना है कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही फर्ज़ी वकीलों की धरपकड़ के लिए अब अभियान चलाने पर भी विचार किया जा रहा है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा देश के सभी स्टेट बार काउंसिल को पत्र भेजे गए हैं । जिसके पालन में मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल की प्रशासनिक समिति ने बैठक कर राज्य के सभी जिला बार के अध्यक्ष और सचिवों को पत्र भेजे हैं। पत्र में 2011 के पूर्व के और उसके बाद के वकीलों को वेरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए गए हैं। स्टेट बार काउंसिल ने सभी अधिवक्ताओं के लिए 30 सितंबर तक वेरिफिकेशन कराने की मियाद तय की है। स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष आरके सिंह से सैनी के मुताबिक इसके पहले भी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया अपनाई गई थी जिसमें पूरे प्रदेश से 27000 वकीलों की छंटनी की गई थी। फर्जी वकीलों की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए ही एक बार फिर अभियान चलाकर उन्हें अदालत परिसरों से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।