अनन्त माहेश्वरी की रिपोर्ट –
पुलिस कर रही है भैंसो की देखरेख पर प्रतिदिन पांच हजार रुपये खर्च

खंडवा जिले का एक थाना इन दिनों भैंसों का तबेला बना हुआ है। पुलिसकर्मी भैंसो की चाकरी में लगे हैं।

तीन दिन पहले जावर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक ट्रक से अवैध शराब और
अवैध रूप से खरीद-फरोख्त के लिए ले जाई जा रही 17 भैंसें जब्त कर 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। दुसरी कोई व्यवस्था नही होने से जब्त की गई भैंसों को थाना परिसर में ही बांधा गया। जिसकी देखरेख का जिम्मा पुलिस कर्मी ही उठा रहे है।

जावर थाना प्रभारी जे पी वर्मा ने बताया कि तीन दिन पहले जावर थाना पुलिस ने रात्रि गस्त के दौरान शंका होने पर एक ट्रक को रोका। तो ट्रक में सवार लोग ट्रक को छोड़कर भाग निकले ।चार लोगो को घेरा बंदी कर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

ट्रक की जांच करने पर ड्रम में रखी सत्तर लीटर अवैध शराब और ट्रक में ठूस ठूस कर भरी गई 17 भैस भी बरामद की थी। तब से सत्रह भैंस को थाना परिसर में ही रखा जाकर उनकी देखरेख करनी पड़ रही है। भैंसो की देखरेख पर ,उनके चारे सहित अन्य खाने की सामग्री पर प्रतिदिन चार से पांच हजार रुपये खर्च हो रहा है।जिसका खर्चा थाना प्रभारी स्वयम उठा रहे है।
उनका कहना है कि जब तक न्यायालय से आदेश नही होता , तब तक इसी तरह थाने में भैंसो की खातिरदारी होती रहेगी। किसी पशु पालक की तरह पुलिसकर्मी दिन-रात भैंसों के ख्याल रख रहे है।
पकड़े गए चारों आरोपियों ने न्यायालय में जमानत का आवेदन दिया, पर भैंसों की सुपुर्दगी का आवेदन नहीं दिया। नतीजा, अब पुलिस को रोज पांच हजार रुपए के चारे का इंतजाम करना पड़ रहा है। पुलिस के अनुसार, भैंसे दुधारू नहीं होने से मुश्किल और बढ़ गई है।

दरअसल पुलिस जब गायों को पकड़ती है तो कोर्ट से सुपुर्दगी भी हो जाती है, उन्हें गोशालाओं को सौंप दिया जाता है। पर भैंसों की कीमत ₹8.50 लाख होने से पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।

By MPNN

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