बालाघाट से पंकज डहरवाल की रिपोर्ट-
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला अब भी जारी है । श्रमिक ट्रेनें शुरू होने से पहले गन्तव्य की ओर रवाना हुए प्रवासी मजदूर अपने साधन और सुविधा अनुसार धीरे धीरे घर पहुंच रहे हैं ।
इन्हीं में से एक बालाघाट जिले के ग्राम खुर्सीपार के रहने वाले मजदूर बुधराम हैं.जिसने अपने तीन बच्चों और पत्नी को सायकल पर बिठाकर बुलंद हौसले के साथ हैदराबाद से बालाघाट तक 800 किमी का सफर तय कर लिया। जो परिवार सहित हमें रजेगांव के पास पड़ने वाले एक प्रतीक्षालय के सामने आराम करते मिल गया। सायकल पर सवार परिवार और गृहस्थी का सामान उसे तकलीफ तो देता रहा. लेकिन घर जाकर अपनों से मिलने की ललक ने उसे 800 किमी का सफर तय करा दिया । इस दौरान आने वाली तकलीफें बयां करते हुए बुधराम ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से हाथ खाली हो गए । जब पास बचे रुपये खत्म हो गए तो लोगों से मदद मांगी । वो भी कितने दिन चलती । बच्चों की भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो घर वापसी के लिए सायकल से निकल पड़ा । कभी पैदल भी चला। बुधराम कहता है कि अब फिर कभी कमाने खाने के लिए बाहर नहीं जाएगा ।



