मंदसौर के तीसरी पास मिस्त्री नाहरू खान ने सेंसर लगाकर एक मशीन तैयार की.जिसके सेंसर को मंदिर की घण्टी के पास लगाया । इस सेंसर के सामने हाथ आते ही घन्टी बजने लगती है । इस तरह मन्दिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों की घंटी बजाने की इच्छा भी पूरी होगी और डिस्टेंस भी कायम रहेगा .इस घण्टी को बनाने वाले नाहरू खान कृषि यंत्र की मशीनें बनाते है . जब इन्हें जानकारी मिली की देश भर में मंदिरो में दर्शन की इजाजत तो मिल गई. लेकिन घण्टी बजाने की इजाजत नही है, मंदिर में बिना घण्टी बजाए दर्शन करने का सुकून अधूरा से लगता है। यही बात मंदसौर के तीसरी पास मिस्त्री नाहरू खान को खटक गई कि मन्दसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन तो हो रहे हैं, लेकिन घण्टी नही बज रही है । बस फिर क्या था नाहरू खान ने दिमाग लगाया और भीड़ गए बिना छुए घण्टी बनाने के जुगाड़ में . नाहरू खान ने दो ही दिन में सेंसर लगाकर एक मशीन तैयार कर ली ,जिसके सेंसर को मंदिर की घण्टी के पास लगाया गया है । सेंसर के सामने डेढ़ फीट दूर से हथेली दिखाते ही घंटी बजने लगेगी। आरती के समय भी लगातार भी घंटी बजती रहेगी। इससे पहले नाहरु भाई ने पशुपतिनाथ मंदिर में सैनिटाइजर स्प्रे एवं पैरो से चलने वाली मशीन भेंट की थी। गुरुवार दोपहर में उन्होंने घंटी को पशुपतिनाथ मंदिर में लगा दिया। यह घंटी करीब आठ फीट ऊपर लगाई गई है। बजाने के लिए इसे हाथ लगाने की जरूरत नहीं है। डेढ़ फीट दूर तक हथेली दिखाने से ही सेंसर की मदद से घंटी बज रही है।
अब मंदिर पर आने वाला प्रत्येक भक्त घंटी बजा रहा है। गुरुवार दोपहर में करीब एक घंटे में उन्होंने घंटी की फिटिंग की। उन्होंने ने बताया कि इस घंटी से कोरोना का खतरा नहीं है। मंदिर में घंटी बजना चाहिए। बस इसी मंशा को लेकर मैंने यह घंटी बनाई है। बाहर से सामग्री मंगवाकर गुरुवार को दो घंटे में यह तैयार हो गई।

By MPNN

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