कलेक्टर के नाम से जिले के तीनों एसडीएम व छहों तहसीलदार की ऑफिशियल आईडी पर मेल कर रुपए मांगने का मामला सामने आया है। हंडिया तहसीलदार डॉ. अर्चना शर्मा ने इस झांसे में आकर 20 हजार रुपए भी जमा करा दिए। वहीं अन्य अधिकारियों ने कलेक्टर से संपर्क किया तो वे बच गए। मामले का खुलासा होने पर रविवार रात हंडिया थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। हरदा एसडीएम एचएस चौधरी ने बताया कि रविवार को दिन में उनके सहित अन्य एसडीएम और तहसीलदारों के ऑफिशियल आईडी पर कलेक्टर के नाम से आए मेल में लिखा था कि मुझे फेवर चाहिए। इमरजेंसी में रुपयों की जरुरत है। एसडीएम की ओर से पूछा गया- आप बताइए क्या करना है, तो दूसरी ओर से जवाब मिला इस नंबर पर 5-5 हजार रुपए के चार गिफ्ट वाउचर पर भेज दो। इस दौरान उनका (एसडीएम चौधरी) दिमाग ठनका कि कुछ देर पहले तो वे कलेक्टर अनुराग वर्मा के साथ ही थे। ऐसा होता तो वे खुद बोलते। तब उन्होंने कलेक्टर वर्मा से चर्चा की। उनके मना करने पर अन्य अधिकारियों को सचेत किया गया। साथ ही साइबर सेल को सूचना दी गई, लेकिन तब तक हंडिया तहसीलदार डॉ. शर्मा 20 हजार रुपए गवां चुकी थीं। उन्होंने अपने बेटे को यह बताया तो उनके द्वारा सेंट्रल की किसी जांच एजेंसी व अमेजन को सूचित किया गया। इस दौरान सामने आया कि धोखाधड़ी कर रुपए पश्चिम बंगाल के किसी एकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं। जांच एजेंसी ने इसे फ्रीज कर दिया है। कलेक्टर वर्मा ने बताया कि फर्जी आईडी से आए मेल पर तहसीलदार द्वारा रुपए जमा कराने के मामले की जांच साइबर सेल से कराई जा रही है। इधर, एसपी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि हंडिया थाना में भादंवि की धारा 420 समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। साइबर सेल भी जांच में जुटी है