युवा कवि- मनीष कुमार मलानी-
मौत की इन मंडियों में, सबने बढ़चढ़ बोलियां दी…
देश की माताओं ने भी, खोल अपनी झोलियां दी…
हिमालय भी कर रहा है, सैनिकों के चरण वंदन…
भारती मां स्वयं कर से, कर रही है अभिनंदन…
सर्वस्व न्यौछावर भी करके, वीर अपने चल पड़े हैं…
राह पर बलिदान की, यह नित निरंतर बढ़ चले हैं…
बहन की राखी भी छुटी, पत्नी का सिंदूर छुटा…
नन्हे मुन्ने नैनिहालों के भी, सिर से साया छुटा…
बात ये थी मन में उनके, देश हो उन्मुक्त अपना…
वे स्वयं ही मुक्त होकर, बादलों में उड़ चले हैं…
गाँव की माटी भी उनके, हर्ष से उत्पल हुई है…
मेरे ही आँचल में पल-बल के, बने है कहे रही है…
शत – शत नमन..जय माँ भारती..
संक्षिप्त परिचय-युवा कवि मनीष कुमार मलानी(कलम-विद्रोही मन)
संचालक-सक्सेस एजुकेशन ग्रुप खण्डवा,
जिला संयोजक-सिन्धी पाठक मंच-खण्डवा
संर्पक-9753689054, 9977749055
पता- टैगोर कॉलोनी गली न. 3 खण्डवा [मध्यप्रदेश]