अनन्त माहेश्वरी की रिपोर्ट –
गुरुपूर्णिमा के अवसर पर लाखो भक्त खंडवा पहुंचकर अवधूत सन्त श्री दादाजी धुनी वाले की समाधि पर शीश नवाते है . यहाँ ध्वज रूपी निशान चढाने की परम्परा है . इस परम्परा का निर्वाह करने के लिए दादाजी के भक्तगण काँधे पर ध्वज रूपी निशान लेकर सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर खंडवा में इस्तिथ दादा दरबार पहुँचते है . यह सिलसिला गुरु गुरुपूर्णिमा के पूर्व से आरम्भ होकर लगभग एक सप्ताह तक चलता है. इस बीच लाखो भक्त खंडवा पहुँचते है चूँकि इन दिनों कोरोना महामारी का खौफ है . अत्यधिक भीड़ से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता है . ऐसे में जिला प्रशासन ने एक जुलाई से दस जुलाई तक खंडवा जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया । नगर में दादाजी के भक्त प्रवेश नही करें इसलिए नगर की सीमा पर अधिकारीयों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई . प्रशासन ने एक पखवाड़े पूर्व ही यह घोषणा कर दी थी की इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिले में गुरुपूर्णिमा पर्व पर बाहरी लोगो का जिले में प्रवेश निरुद्ध होगा और मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र में जहाँ श्री दादाजी धुनी वाले के अनुयायी निवास करते है उन्हें सुचना पहुंचा देने की बात कही थी . ताकि वे सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर इस वर्ष खंडवा नहीं पहुंचे . बावजूद इसके महाराष्ट्र के जलगांव जिले से दादाजी के निशान लेकर पैदल निकला जत्था खंडवा जिले के बोरगांव पहुंच चुका है .
