मध्य प्रदेश के बैतूल में बिल में से निकले कोबरा के सौ ज्यादा बच्चों को देख कर ग्रामीण चमत्कार मान रहे और सांप के बच्चों को एक बड़े बर्तन में रख कर उनकी पूजा कर रहे है । सर्प विशेषज्ञ इसे खतरनाक बता रहे है और सपोलो को जंगल मे छोड़ने की बात कर रहे है । अंधविश्वास में डूबे ग्रामीण मानते है कि सावन में सांप को देखना होता है शुभ होता है । सांप भगवान भोलेनाथ का आभूषण माना जाता है और सावन के महीने में भगवान शिव को पूजा जाता है ।
बैतूल जिले के भीमपूर ब्लाक के चुनालोहमा ग्राम पंचायत के भुरूढाना गांव में एक किसान के घर के समीप सैंकड़ो सांप निकले जिसे एक गंज में रखा गया है ग्रामीण अब पूजा पाठ करने लगे है ।हालांकि आज तक इतने सांप एक साथ कभी नही देखे गए । किसान चिन्धु पाटनकर के घर के समीप जमीन से एक छेद (बिल) से निकले इन साँपो को एक गंज में रखा गया है । भले ही लोग साल भर सांप को देखते ही लाठी डंडे लेकर मारने दौड़ते हों लेकिन ग्रामीण मानते है कि सावन एक ऐसा महीना है जब सांपों को मारने की बजाय उनका दर्शन ईश्वर के दर्शन के समान पुण्यदायी माना जाता है। इस महीने में सांप को मारने की बजाय लोग उसे दूध और धान का लावा खिलाते हैं।
ग्रामीणों की मान्यता है कि सांपों को दूध और धान खिलाने से वंश बढ़ता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। सावन के महीने में बिलों में पानी भर जाता है और सांप सुरक्षित स्थानों की तलाश में लोगों के घरों में घुसने लगते हैं जिससे इन महीनों में सर्प दंश का खतरा बना रहता है।